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Option Chain In Hindi Easy 7 Points(ऑप्शन चैन को कैसे समझे )

Option Chain In Hindi

दो प्रकार के ऑप्शन होते हैं:

कॉल और पुट। इस विकल्प में ट्रेड करने के लिए मार्केट का विश्लेषण और अन्य कारकों की जानकारी भी महत्वपूर्ण है

Option Chain In Hindi

 

ऑप्शन चैन स्टॉक का वह भाग है जो भी स्टॉक ऑप्शन चैन आते है उन सभी स्टॉकों का ऑप्शन चैन मॉर्निंग में ही मालूम कर देता है की यह स्टॉक कितना ऊपर और आज कितना निचे तक जायेगा लेकिन इसके लिए आपको ऑप्शन चैन को बहुत ही details में जानना होगा

    1. पहला ऑप्शनcall  होता है

        जिसमे आपको कॉल ऑप्शन buy करना होता है कॉल ऑप्शन हम तब buy करते है जब हमको लगता है की मार्किट 22500 पर है और मार्किट 22500 से ऊपर जायेगा इस लिए हम कॉल ऑप्शन buy करते है।

  1.  
Option Chain In Hindi

Option Chain In Hindi

ऑप्शन चैन में कुछ पैरामीटर इस प्रकार है

  1. Open Intrest
  2. Volume
  3. Volume Change
  4. L T P
  5. Strike Price
  6. Expiry
  7. delta 
  8. vega 
  9. theta

Open Intrest

ओपेन इन्टरेस्ट वह होता है जो हु,को बताता है की किस स्ट्राइक प्राइस पर कितने लोग अभी भी अपनी पोसिशन बना कर बैठे है मान लीजिये मार्केट 25500 पर ट्रेड कर रहा है और और कॉल साइड ओपेन इन्टरेस्ट 58 लाख का है और वही ओपेन इन्टरेस्ट और पूट साइड 45 लाख का ओपेन इन्टरेस्ट है और वह धीरे धीरे इंकरसे हो रहा है तो वह ऐसे मैं मार्केट बुल्लिश होता जाएगा इसके काफी cenerio है जो मैं आपको आगे बताने वाला हूँ 

volume changes.

वॉल्यूम चेंजेस ओपें चैन का वह पार्ट है जो हमको बताता है की किस स्ट्राइक प्राइस पर कितने % वॉल्यूम बढ़ी है या कम हुई हुई है इससे हमको मार्केट के बारे मे और भी ज्यादा मालूम होता है 

L T P

एलटीपी वह होता है जो किसी भी स्ट्राइक प्राइस के बताता है की उसका प्राइस क्या चल रहा है वह कितने% कम है या फिर कितने % ज्यादा है 

Volume Kya Hoti Hai

Volume -हमारे ऑप्शन चैन का वह जरुरी पॉइंट है जिसको ज्यादा तर लोग ignor कर देते है वॉल्यूम हमारे ऑप्शन चैन में कॉल की साइड या पुट की साइड जिस तरफ भी ज्यादा वॉल्यूम हो और ओपन इंट्रेस्ट भी ज्यादा हो लेकिन वह स्ट्राइक प्राइस जिस पर वॉल्यूम बहुत ज्यादा है उस स्ट्राइक प्राइस को क्रॉस नहीं कर सकता 

Option Chain In Hindi

किसी भी स्ट्राइक प्राइस पर वॉल्यूम हमेशा जीरो से स्टार्ट होता है जो सुबह 9 :15 पर से स्टार्ट होता है और दिन के चलते यह वॉल्यूम लगातार बढ़ता रहता है जो दिखता है की किस स्ट्राइक प्राइस पर वॉल्यूम कम है और किस स्ट्राइक प्राइस पर वॉल्यूम ज्यादा है ऑप्शन चैन में वॉल्यूम का एक अहम किरदार होता है जो मार्किट की एक अलग ही दिशा निर्धारित करता है

Last Trade Price

https://balrammarket.com/share-market-kya-hota-hai/ LTP याने “आखिरी ट्रेड कीमत” होती है, जो किसी स्टॉक की अंतिम व्यापारिक मूल्य को दर्शाती है। LTP का मतलब होता है कि वह मूल्य जिसमें स्टॉक अंतिम बार ट्रेड हुआ था। इसका उपयोग किसी निवेशक को यह जानने में मदद करता है कि वह विशेष स्टॉक के वास्तविक मूल्य पर खरीदारी या बिक्री कर रहा है।

इसके अलावा, LTP निवेशकों को ट्रेड के दौरान तत्काल मूल्य स्तर की जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे अपने निवेश के फैसले सही समय पर ले सकें। यह व्यापारिक गतिविधियों को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण ढंग से उपयोगी होता है।

 

Strike Price

Strike Price – वह है जहा पर बाजार है मतलब अगर बाजार 22500 है तो वह स्पॉट स्ट्राइक प्राइस है स्ट्राइक प्राइस वह भी होती है जिसकी हम ट्रेड करते है
example – 22450 की call स्ट्राइक प्राइस कहलायेगी

ग्रीक्स का महत्त्व (Greeks Ka Mahatva)

Delta

डेल्टा (Delta): यह बताता है कि स्टॉक की कीमत में एक रुपये की वृद्धि से विकल्प की कीमत कितनी बढ़ेगी।

Theta

थीटा (Theta): यह बताता है कि समय के साथ विकल्प की कीमत में कितनी कमी आएगी।

Vega

विगा (Vega): यह बताता है कि वोलैटिलिटी में एक प्रतिशत की वृद्धि से विकल्प की कीमत कितनी बढ़ेगी।

कैसे पता करें कि विकल्प सस्ता है या महंगा?

विकल्प ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि आपको पता हो कि विकल्प सस्ता है या महंगा। इसके लिए आप इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (Implied Volatility) का उपयोग कर सकते हैं। यदि किसी विकल्प की इम्प्लाइड वोलैटिलिटी अधिक है, तो वह महंगा हो सकता है, जबकि कम इम्प्लाइड वोलैटिलिटी के साथ विकल्प सस्ता हो सकता है। इम्प्लाइड वोलैटिलिटी आपको यह भी बताती है कि बाजार कितना अनिश्चित है और कितना अस्थिर हो सकता है।

विकल्प चेन और ट्रेडिंग निर्णय

विकल्प चेन का सबसे बड़ा उपयोग ट्रेडिंग निर्णय लेने में होता है। इसका उपयोग करके आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि बाजार किस दिशा में जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी स्टॉक पर भारी मात्रा में कॉल विकल्प खरीदे जा रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि लोग उस स्टॉक के ऊपर जाने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरी तरफ, अगर पुट विकल्प में ज्यादा ओपन इंटरेस्ट है, तो यह बाजार की मंदी का संकेत हो सकता है।

विकल्प चेन के फायदे

विकल्प चेन के कई फायदे हैं जो इसे शेयर बाजार में उपयोगी बनाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो विकल्प ट्रेडिंग करते हैं। आइए इनके कुछ प्रमुख फायदों पर नज़र डालते हैं:

  1. बाजार की दिशा का पूर्वानुमान: विकल्प चेन की मदद से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बाजार किस दिशा में जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी विशेष स्ट्राइक प्राइस पर ओपन इंटरेस्ट और वॉल्यूम अधिक हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि निवेशक या ट्रेडर उस दिशा में सोच रहे हैं।

  2. समर्थन और प्रतिरोध स्तर (Support and Resistance Levels): विकल्प चेन का उपयोग कर आप स्टॉक के महत्वपूर्ण समर्थन (Support) और प्रतिरोध (Resistance) स्तरों का पता लगा सकते हैं। जिस स्ट्राइक प्राइस पर पुट विकल्प में ज्यादा ओपन इंटरेस्ट होता है, वह एक संभावित समर्थन स्तर हो सकता है। जबकि जिस स्ट्राइक प्राइस पर कॉल विकल्प में ज्यादा ओपन इंटरेस्ट होता है, वह एक संभावित प्रतिरोध स्तर हो सकता है।

  3. जोखिम प्रबंधन (Risk Management): विकल्प चेन का विश्लेषण करके आप अपने ट्रेडिंग के जोखिम को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। आप यह तय कर सकते हैं कि आपको किस स्ट्राइक प्राइस पर ट्रेड करना चाहिए, कितनी मात्रा में निवेश करना चाहिए और कब अपनी स्थिति से बाहर निकलना चाहिए।

  4. अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियाँ: विकल्प चेन का उपयोग अल्पकालिक (Short Term) और दीर्घकालिक (Long Term) ट्रेडिंग दोनों में किया जा सकता है। यह आपको उस समय सीमा को तय करने में मदद करता है जिसमें आप अपने ट्रेड को रखना चाहते हैं।

विकल्प चेन में ओपन इंटरेस्ट का महत्त्व

ओपन इंटरेस्ट (Open Interest) विकल्प चेन का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह दर्शाता है कि कितने अनुबंध अभी भी खुले हैं और मार्केट में ट्रेड किए जा रहे हैं। इसे समझने से आपको यह पता चलता है कि कितने ट्रेडर अभी भी विकल्प ट्रेड में शामिल हैं और उन्हें उस स्ट्राइक प्राइस के बारे में क्या अपेक्षा है।

जब किसी स्ट्राइक प्राइस पर ओपन इंटरेस्ट बढ़ता है, तो यह संकेत होता है कि ट्रेडर उस स्तर पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। यह आपको समर्थन या प्रतिरोध स्तरों की पहचान करने में मदद करता है। ओपन इंटरेस्ट के साथ, आप वॉल्यूम की भी जांच कर सकते हैं, जिससे पता चलता है कि कितने अनुबंध आज के दिन ट्रेड किए गए हैं।

विकल्प चेन और बाजार की भावनाएँ (Market Sentiment)

विकल्प चेन का उपयोग करके आप बाजार की भावनाओं (Market Sentiment) को भी समझ सकते हैं। जब निवेशक किसी स्टॉक में बहुत सारे कॉल विकल्प खरीदते हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि वे स्टॉक के ऊपर जाने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, जब बहुत सारे पुट विकल्प खरीदे जाते हैं, तो यह दर्शाता है कि निवेशक स्टॉक की गिरावट की आशंका कर रहे हैं।

इस प्रकार, विकल्प चेन बाजार के मूड का अंदाजा लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसका उपयोग करके आप यह देख सकते हैं कि लोग किस दिशा में अधिक ट्रेड कर रहे हैं और उस आधार पर आप अपने निर्णय ले सकते हैं।

विकल्प चेन और वोलैटिलिटी (Volatility)

वोलैटिलिटी विकल्प ट्रेडिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब बाजार में वोलैटिलिटी अधिक होती है, तो विकल्प की कीमतें भी ज्यादा होती हैं। इसका कारण यह है कि उच्च वोलैटिलिटी के समय में मार्केट की अनिश्चितता बढ़ जाती है, और ट्रेडर इस जोखिम को कवर करने के लिए अधिक प्रीमियम मांगते हैं।

विकल्प चेन में वोलैटिलिटी का विश्लेषण करके आप यह जान सकते हैं कि बाजार में कितनी अस्थिरता हो सकती है। आप इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (Implied Volatility) का उपयोग करके यह पता लगा सकते हैं कि विकल्प सस्ता है या महंगा। जब इम्प्लाइड वोलैटिलिटी ज्यादा होती है, तो विकल्प महंगे होते हैं, और जब कम होती है, तो विकल्प सस्ते होते हैं।

विकल्प चेन में प्रीमियम का महत्व

विकल्प चेन में प्रीमियम उस कीमत को दर्शाता है जो आपको कॉल या पुट विकल्प खरीदने के लिए चुकानी होती है। प्रीमियम का मूल्यांकन कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि स्ट्राइक प्राइस, समय सीमा, और वोलैटिलिटी।

जब स्टॉक की कीमत अपने स्ट्राइक प्राइस के करीब होती है, तो प्रीमियम उच्च होता है क्योंकि उस स्थिति में स्टॉक के पैसे में (In the Money) आने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं, जब स्टॉक की कीमत स्ट्राइक प्राइस से दूर होती है, तो प्रीमियम कम होता है। इसलिए, ट्रेडर प्रीमियम को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग रणनीति बनाते हैं ताकि वे सही समय पर सही ट्रेड कर सकें।

विकल्प चेन का सही अध्ययन

विकल्प चेन का अध्ययन करना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन इसे धीरे-धीरे समझने से आप अपने ट्रेडिंग कौशल में निपुण हो सकते हैं। सबसे पहले, आपको स्ट्राइक प्राइस, प्रीमियम, और ओपन इंटरेस्ट का सही तरीके से विश्लेषण करना आना चाहिए। इसके बाद, आपको ग्रीक्स (Greeks) जैसे कि डेल्टा, थीटा, और गामा को समझना चाहिए ताकि आप यह जान सकें कि विकल्प की कीमत कैसे बदल सकती है।

विकल्प चेन का सही अध्ययन करके आप अपने ट्रेडिंग में जोखिम को कम कर सकते हैं और अपने मुनाफे की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

विकल्प चेन और विकल्प रणनीतियाँ

विकल्प चेन का उपयोग करके आप कई ट्रेडिंग रणनीतियाँ बना सकते हैं। कुछ लोकप्रिय रणनीतियों में शामिल हैं:

  • बुल कॉल स्प्रेड (Bull Call Spread): यह रणनीति तब उपयोगी होती है जब आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत ऊपर जाएगी, लेकिन आप जोखिम को सीमित रखना चाहते हैं।
  • बियर पुट स्प्रेड (Bear Put Spread): यह रणनीति तब उपयोगी होती है जब आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत गिरने वाली है।
  • आयरन कंडोर (Iron Condor): यह एक उन्नत रणनीति है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत सीमित दायरे में रहेगी।

इन सभी रणनीतियों का सही तरीके से उपयोग करने के लिए आपको विकल्प चेन का गहन अध्ययन करना जरूरी है।

विकल्प चेन में डेटा का विश्लेषण

विकल्प चेन में डेटा का विश्लेषण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो आपको सही ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद करता है। आपको यह समझना होता है कि विकल्पों के कौन से पहलू आपको सबसे ज्यादा जानकारी देंगे और कौन से संकेतक महत्वपूर्ण हैं। आइए, कुछ प्रमुख संकेतकों पर चर्चा करें:

  1. ओपन इंटरेस्ट का विश्लेषण (Open Interest Ka Vishleshan):
    ओपन इंटरेस्ट वह संख्या होती है जो बताती है कि कितने विकल्प अनुबंध अभी भी खुले हैं और उनका निपटारा नहीं हुआ है। यदि किसी विशेष स्ट्राइक प्राइस पर ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा है, तो यह संकेत है कि ट्रेडर उस कीमत पर सक्रिय हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी स्टॉक की 100 रुपये की स्ट्राइक प्राइस पर ज्यादा कॉल ऑप्शन्स का ओपन इंटरेस्ट है, तो यह इंगित कर सकता है कि लोग उस स्टॉक के बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। इसके विपरीत, पुट ऑप्शन्स के लिए ज्यादा ओपन इंटरेस्ट यह संकेत कर सकता है कि बाजार में मंदी की भावना है।

  2. पुट-कॉल अनुपात (Put-Call Ratio):
    पुट-कॉल अनुपात (Put-Call Ratio) एक अन्य महत्वपूर्ण संकेतक है। यह अनुपात यह बताता है कि कितने पुट विकल्पों की तुलना में कितने कॉल विकल्प खरीदे जा रहे हैं। यदि पुट-कॉल अनुपात अधिक होता है, तो इसका मतलब है कि बाजार में लोग सुरक्षा के लिए पुट विकल्प खरीद रहे हैं, जो एक मंदी के संकेत के रूप में देखा जा सकता है। इसके विपरीत, कम पुट-कॉल अनुपात से बाजार की तेजी का संकेत मिल सकता है।

  3. वॉल्यूम का विश्लेषण (Volume Ka Vishleshan):
    विकल्प चेन में वॉल्यूम भी एक महत्वपूर्ण संकेतक है। वॉल्यूम से आपको यह जानकारी मिलती है कि किसी विशेष स्ट्राइक प्राइस पर कितने विकल्प ट्रेड किए गए हैं। जब वॉल्यूम ज्यादा होता है, तो यह बाजार में अधिक गतिविधि और रुचि को दर्शाता है। वॉल्यूम का विश्लेषण करने से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि मार्केट में किस स्ट्राइक प्राइस पर लोग सबसे अधिक ध्यान दे रहे हैं।

निष्कर्ष (Nishkarsh)

विकल्प चेन का अध्ययन और विश्लेषण विकल्प ट्रेडिंग में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। यह न केवल आपको बाजार की दिशा का पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है, बल्कि आपको अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों को बेहतर बनाने में भी सहायता करता है। हालांकि, इसमें जोखिम भी होते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप अपनी रणनीतियों को सावधानी से बनाएं और मार्केट की भावनाओं, ओपन इंटरेस्ट, और वोलैटिलिटी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखें।

  • Question

    Answer

  • option chain se market trend ka kaise pata kre

    ye bahut simple jis bhi strike price per high open intrest aur high volum hai whi down me support aur up me resistence ka kam kregi

  • O I chart kaise padha jata hai

    oi chart ke liye aap open intrest volume chnage oi delta gama theta iv ke jariye read kar sakte hai

  • kya me 1000 se option trading kar sakta hoon

    haa lekin sirf out the money me aur wo bhi paise loss karne hai ye soch kar profit hua to apka

Expiry

Expiry – स्ट्राइक प्राइस की एक्सपायरी अलग अलग दिन पर होती है जैसे निफ़्टी 50 की एक्सपायरी every thursday को होती है निफ़्टी बैंक की every wensday को होती सेंसेक्स की एक्सपायरी every friday को होती है midcap की एक्सपायरी every monday को होती है

बलराम कुमार
2020 से स्टॉक मार्केट में निवेशक और ट्रेडर
ब्लॉग: बलराममार्केट.कॉम

“स्टॉक मार्केट में सही जानकारी और सही निर्णय के साथ, हर कोई अपने निवेश से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकता है। मैंने 2020 से स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत की और तब से लगातार सीखने और अनुभव के माध्यम से सफल ट्रेडिंग कर रहा हूं। अपने ब्लॉग के माध्यम से, मैं अपने पाठकों को मार्केट की समझ और सही निवेश के लिए जरूरी जानकारी प्रदान करता हूं।”

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